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फर्जी ट्रेडिंग लगा सकता है बड़ा चूना, यहां जानिये कैसे है बचना?

 

साइबर क्राइम सेल बाराबंकी के साइबर एक्सपर्ट राजन यादव बता रहे हैं... फर्जी ट्रेडिंग ऐप क्या है ??

 फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स के काम करने का तरीका समझने के लिए हम एक उदाहरण से इसे विस्तार से देख सकते हैं: 

उदाहरण से समझें: 
 मान लीजिए कि एक व्यक्ति, रवि, ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश करने का इच्छुक है। उसे सोशल मीडिया या मैसेज के जरिए एक ऐप के बारे में जानकारी मिलती है, जो बहुत सारे आकर्षक प्रमोशन दिखा रहा है, जैसे “1000 रुपये जमा करें और 2000 रुपये का बोनस पाएं” या “हर हफ्ते 50% का गारंटीड रिटर्न।” रवि को यह ऐप आकर्षक लगता है और वह इसे डाउनलोड करता है। 
1. प्रारंभिक निवेश: रवि ऐप पर अपने 1000 रुपये जमा करता है। ऐप में एक ट्रेडिंग इंटरफेस होता है जो बिलकुल असली जैसा दिखता है। कुछ दिनों बाद, रवि देखता है कि उसके अकाउंट में 1500 रुपये दिख रहे हैं, यानि उसे मुनाफा हो रहा है। 

2. लालच का खेल: ऐप उसे लगातार नोटिफिकेशन भेजता है कि अगर वह और पैसा निवेश करेगा, तो मुनाफा और बढ़ेगा। रवि को यह देखने में अच्छा लगता है कि उसका पैसा बढ़ रहा है, इसलिए वह और 5000 रुपये निवेश करता है। 

3. अधिक मुनाफा दिखाना: अब कुछ समय बाद, रवि के अकाउंट में 8000 रुपये दिखने लगते हैं। वह खुश होता है और सोचता है कि अब समय आ गया है कि वह अपना मुनाफा निकाल ले। 
4. निकासी में समस्या: जब रवि पैसे निकालने की कोशिश करता है, तो ऐप उसे कहता है कि उसे ‘निकासी शुल्क’ देना होगा, जो कि 1000 रुपये है। वह 1000 रुपये और जमा करता है, लेकिन पैसा फिर भी नहीं निकलता। कुछ दिन बाद, ऐप उससे और पैसा जमा करने के लिए कहता है या फिर नए प्रकार के शुल्क दिखाता है। कई बार तो ऐप का सपोर्ट सिस्टम ही जवाब देना बंद कर देता है। 

5. फंड फ्रीज: अचानक, रवि को एक मैसेज मिलता है कि उसका अकाउंट कुछ ‘तकनीकी कारणों’ से फ्रीज हो गया है और इसे अनफ्रीज करने के लिए उसे 2000 रुपये और जमा करने होंगे। यहाँ रवि को शक होता है कि कुछ गड़बड़ है। 

6. ऐप का गायब होना: रवि कुछ दिन इंतजार करता है और जब वह फिर से ऐप खोलने की कोशिश करता है, तो देखता है कि ऐप अब काम नहीं कर रहा है। या तो ऐप गूगल प्ले स्टोर या ऐपल स्टोर से गायब हो चुका होता है, या फिर उसकी वेबसाइट बंद हो चुकी होती है। 
7. संपर्क साधनों का बंद होना: रवि अब किसी से संपर्क करने की कोशिश करता है, लेकिन ऐप के कस्टमर सपोर्ट, ईमेल और फोन नंबर सब बंद हो चुके होते हैं। 

उदाहरण से क्या समझे?
1. शुरुआत में लाभ दिखाकर विश्वास जीतना: फर्जी ऐप्स शुरू में थोड़ा सा मुनाफा दिखाते हैं ताकि यूजर का विश्वास जीत सकें और वे और पैसा निवेश करें। 
2. पैसे निकालने में अड़चनें: जब यूजर बड़े पैमाने पर पैसा निकालने की कोशिश करता है, तो ऐप उसे फंसाने के लिए अलग-अलग प्रकार के शुल्क, टैक्स या अन्य समस्याएं दिखाता है। 
3. फंड को फ्रीज करना: अपराधी ऐप्स अकाउंट को ‘फ्रीज’ या ‘सस्पेंड’ कर देते हैं ताकि और पैसा ऐंठ सकें और इस बीच यूजर के पैसे लेकर गायब हो जाते हैं। 
4. संपर्क साधनों का गायब होना: जब यूजर को महसूस होता है कि वह धोखाधड़ी का शिकार हो गया है, तब तक ऐप और उसके पीछे का पूरा नेटवर्क गायब हो चुका होता है। 

सावधानियां: 
 • कभी भी अनजान ऐप्स में निवेश न करें: अगर कोई ऐप बहुत अधिक मुनाफा देने का वादा करता है या आपको जल्दी अमीर बनाने का दावा करता है, तो यह एक लाल झंडी हो सकती है। 
• फीडबैक और रिव्यू देखें: ऐप के बारे में ऑनलाइन समीक्षाओं की जांच करें। अगर कई यूजर्स ने शिकायत की है, तो सावधान रहें। 
• किसी भी ऐप का उपयोग करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच करें: ऐप या प्लेटफार्म की अनुमति और लाइसेंस की जाँच करें। 
• अज्ञात स्रोतों से ऐप्स डाउनलोड न करें: हमेशा आधिकारिक प्लेटफ़ॉर्म जैसे Google Play Store या Apple App Store से ही ऐप डाउनलोड करें। इस प्रकार की जानकारी और सावधानी रखने से आप खुद को इन फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स से बचा सकते हैं।

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