Barabanki News... देवा मेला एवं प्रदर्शनी समिति के 4 रिक्त सदस्यों का चुनाव गुरुवार को संपन्न हो गया। 4 सदस्यों के लिए हुए चुनाव में 6 में से 4 उम्मीदवार पूर्ण बहुमत के साथ चुनाव जीत गए हैं, जबकि दो अन्य उम्मीदवारों को एक भी वोट हासिल नहीं हुआ है। सभी सदस्य न केवल और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े हैं, बल्कि अवध की गंगा-जमुनी तहजीव के संरक्षण और संवर्तन के प्रति गहरी प्रतिबद्धता भी रखते हैं।
आपको बता दें कि देवा मेला कमेटी के सदस्यों के त्रिवार्षिक चुनाव के में 4 सदस्य के पदों के लिए महबूबुर्रहमान किदवाई,इकबाल किदवाई,सानिध्य बलि,चौधरी फैज महमूमद,रानी मृणालिनी सिंह और शुजा वारसी मैदान में थे। गुरुवार को देवा मेला कमेटी के दफ्तर में हुए चुनाव में सभी 4 मतदाताओं ने महबूबर्रहमान किदवाई,सानिध्य बलि,चौधरी फैज महमूमद और रानी मृणालिनी सिंह पर पूरा भरोसा जताते हुए नया सदस्य चुना। इकबाल किदवाई और शुजा वारसी को इस चुनाव में एक भी मत हासिल नहीं हुआ। वोटों की गिनती के बाद केडी शर्मा निर्वाचन अधिकारी / डिप्टी कलेक्ट ने नतीजों का एलान किया।
चुनाव में महिला सदस्य के रूप में निर्वाचित रानी मृणालिनी सिंह स्वर्गीय राजा रत्नाकर सिंह (धमेड़ी स्टेट) की धर्म पत्नी हैं। साथ ही वो मध्य प्रदेश की सीएम राजा दिग्विजय सिंह की सुपुत्री हैं। रामनगर राजघराने का इस समिति के साथ पुराना नाता रहा है। विशेष रूप से राजा उदित नारायण सिंह (रामनगर) हाजी कासिम अली के परम भक्त थे। उन्होंने दरगाह निर्माण एवं उससे जुड़ी सामाजिक गतिविधियों के लिए भूमि और धनराशि का उदारतापूर्वक दान किया था।
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चौधरी फैज महमूद (कुर्सी) को भी समिति में चुना गया है। वे स्वर्गीय चौधरी मोहम्मद नसीब (कुर्सी) के पुत्र हैं। फैज महमूद दीनपनाह रियासत (कुर्सी) के ताल्लुकदार परिवार की तीसरी पीढ़ी के प्रतिनिधि हैं, जो इस समिति से जुड़े हैं।
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वहीं महबूबुर्रहमान किदवई पूर्व विधायक स्वर्गीय रिजवानुर्रहमान के पुत्र हैं। रिजवानुर्रहमान 2016 में अपने निधन तक ममिति के सक्रिय सदस्य रहे। महबूब किदवई इस समिति में जुड़ने वाले अपने परिवार के तीसरी पीढ़ी के सदस्य हैं।
कुंवर मानिध्य बली जनपद के प्रसिद्ध रामपुर-दरियाबाद रियासत (जिसे आमतौर पर दरियाबाद कहा जाता है) में संबंधित हैं और इस समिति से जुड़ने वाले अपने परिवार की पांचवीं पीढी के सदस्य हैं। सानिध्य एक राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में अपने पारिवारिक शैक्षणिक व सामाजिक सम्थानों का संचालत करते हैं। उनके पर बाबा राय उमानाथ बली लखनऊ स्थित भातखंडे सम्वृति विधविद्यालय (भारतीय शास्त्रीय संगीत का प्रमुख केंद्र) के संस्थापक थे व उनके बाबा राय ब्रजेश्वर बली भी समिति के सदस्य थे। उनके पिता राय सरवेश्वर बली उर्फ राजा संजय बली भी समित के सदस्य रह चुके हैं।
स्वरेर बनी उर्फ राजा मंजय बनी भी समिति के सदस्य हैं।
आपको बता दें कि देवा मेला एवं प्रदर्शनी समिति प्रतिवर्ष हाजी कुर्बान बनी शाह (हाजी बारिस अली शाह के पिता) की स्मृति में आयोजित होने वाले देवा मेले का आयोजन करती है। इस मेले की स्थापना स्वयं बाबा हाजी वारिस अली शाह ने की थी। यह मेला अवध क्षेत्र की गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक है, जिसका संदेश है "जो रब है वही राम है। जो धार्मिक सद्भाव और एकता की भावना को दर्शाता है।
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