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Barabanki: नव प्रशिक्षित कलाकारों अपने अभिनय से किया दंग, मायाराम की माया के मंचन में सियासत और गिरते मानवीय मूल्यों पर की चोट

 

Barabanki News... उ0प्र0 ललित कला संगीत के तत्वाधान में नगर के लखनऊ पब्लिक स्कूल के ऑडिटोरियम में बुधवार को जयवर्धन के द्वारा लिखित तथा मनीष मेहरा द्वारा परिकल्पना एवं निर्देशित हास्य नाटक मायाराम की माया का सफल मंचन किया गया। नाटक प्रारंभ होने से पूर्व उत्तर प्रदेश संगीत कला अकादमी की सदस्य सरोज रावत, पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य रितु सिंह, सुमित श्रीवास्तव, मनीषा मेहरा, पवन सिंह, राजवर्धन पांडे, अंगद वर्मा, प्रभात नारायण दीक्षित तथा देवेंद्र प्रताप सिंह (ज्ञानू), शरद राज सिंह, प्रवेंद्र सिंह (पिंकुल) की उपस्थिति में दीप प्रज्वलित करके नाटक की शुरुआत की गई। 

 मायाराम की माया नाटक राजनीतिक व्यवस्था और मनुष्य के दोगलेपन एवं इंसानियत की कमी को दर्शाता हास्य व्यंग नाटक है। अकादमी द्वारा तीस दिवसीय कार्यशाला में बच्चों ने जो सीखा उसी को स्टेज पर मंचित किया। कोई नहीं कह सकता कि इन बच्चों का यह पहला नाटक है। अभिनय करते समय उनके संवाद हाव भाव देखने लायक था। दर्शकों ने भरपूर तालियां बजाकर हौसला बढ़ाया। नाटक में दिखाया गया है कि किस तरह ब्रह्म लोक में बैठे ब्रह्मा जी परेशान है कि उनका बनाया हुआ मनुष्य- जीव कितना खतरनाक शरारती और दुष्ट है, अपने मतलब के अनुसार किसी का भी अपमान या बुरा करने में सक्षम है, दूसरी ओर भगवान चित्रगुप्त भी परेशान है क्योंकि वही खाते में कहीं भी किसी तरह की आपदा, बाढ़, भूकंप, सड़क हादसा जैसी समस्याओं में मरने वालों की कोई भी एंट्री नहीं है। जबकि आए दिन पृथ्वी लोक में इस तरह की मौतें होती रहती हैं। यह भी दिखाया गया है कि मायाराम एक गांव का रहने वाला व्यक्ति है वह अपने गांव वालों को बेवकूफ बनाकर धोखा देकर हर बार अपनी जरूरतें पूरी करता रहता है। मंचित नाटक में सभी कलाकार स्थानीय बच्चे थे। स्टेज का संचालन बॉलीवुड अभिनेता शरद राज सिंह ने किया।


Newly trained artists stunned with their performances

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