Barabanki News... सांसद तनुज पुनिया ने संसद में अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन का मामला उठाया। पुनिया ने नियम संख्या 377 विशेष उल्लेख के माध्यम से अपनी बात रखी। श्री पुनिया ने कहा कि भारत की न्यायिक व्यवस्था बहुत ही कमजोर हो रही है। जजों की कमी और मुकदमों की बढती संख्या के कारण जजों पर अधिक केस सुनने का भी दबाव है। देश के हाई कोर्ट्स में 1,114 पदों में से 350 से अधिक पद रिक्त चल रहे हैं, जिला अदालतों में भी 5 हजार से अधिक जजों के पद रिक्त चल रहे हैं।
पुनिया ने यह भी कहा कि न्याय मिलने में देरी हो रही है। सुप्रीम कोर्ट में 60 हजार और हाई कोर्ट में 58 लाख और जिला अदालतों में 4 करोड 50 लाख से अधिक मामले लंबित हैं। इनमें बडी संख्या में गरीब दलित और आदिवासी हैं। ऐसी स्थिति में शीघ्र न्याय देना बडी चुनौती बन गई है।
पुनिया ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 312 के प्रावधानों के अनुसार अखिल भारतीय न्यायिक सेवा की स्थापना की जानी चाहिए जिससे राष्ट्रीय न्यायिक चयन प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से भर्ती होने पर अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछडा वर्ग के अभ्यर्थियों को भी लाभ प्राप्त हो सकेगा एवं न्यायिक सेवा में आरक्षित वर्गों की कमी को भी पूरा किया जा सकेगा।
श्री पुनिया ने मांग करते हुए कहा कि संविधान में दिए गए प्रावधानों के अनुसार अखिल भारतीय न्यायिक सेवा की स्थापना की जाए तथा अदालतों में रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए।
MP Tanuj Punia demanded the formation of the Indian Judicial Commission in Parliament, SC-ST-OBC will get the benefit of reservation
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