Barabanki News... रामसेवक यादव ने सामंती ताकतों से लड़कर समाजवाद की स्थापना की। वह डॉ. राममनोहर लोहिया के अनुनायी ही नहीं बल्कि उस सदन के नेता थे, जिस सदन में डॉ लोहिया अक्सर शमसी मिनाई की इंकलाबी शायरी से सत्ता पक्ष को आईना दिखाने का काम करते थे। रामसेवक यादव समाजवादी आन्दोलन के ऐसे सेनानी थे, जो डॉ लोहिया, मधुलिमये, मामा बालेश्वर दयाल, राजनारायण, अर्जुन सिंह भदौरिया के समकालीन थे।
उक्त विचार समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और यूपी विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोबिंद चौधरी ने बुधवार को नगर के गांधी भवन में स्व. रामसेवक यादव की 99वीं जयन्ती पर आयोजित व्याख्यान माला में व्यक्त किए। बतौर मुख्य अतिथि राम गोविंद चौधरी ने कहा उनकी जन्मशती पर आयोजित यह आयोजन उन तमाम विचारों और संघर्षों की याद दिलाता है। जिसे उन्होंने अपने खून पसीने से सींचा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने कहा कि रामसेवक यादव का संपूर्ण जीवन समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के लिए समर्पित था। उन्होंने यह सिखाया कि राजनीति सत्ता पाने का साधन नहीं, बल्कि समाज को बेहतर बनाने का माध्यम है।
विशिष्ट अतिथि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवु पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविन्द कुमार सिंह गोप ने कहा कि रामसेवक यादव समाजवादी आन्दोलन के उन नेताओं में से थे जिन्होंने स्वयं को तिल-तिल जलाकर समाजवाद को मजबूत किया। उन्होंने छात्रों, नौजवानों, किसानों, गरीबों को समाजवाद से जोड़ा था। गोप ने कहा कि स्वर्गीय राम सेवक यादव जी के विचारों को पढ़ने और सीखने की जरूरत है। आज के नवजवानों को उनके पदचिन्हों पर चलकर समाज की सेवा करना चाहिए।
पूर्व विधायक सरवर अली खान ने कहा कि रामेसवक यादव सच्चे समाजवादी थे। सादगी ही उनकी पहचान थी। वह जिले की एक ऐसी पहचान थे जिसने सदन को गौरव बढ़ाया।
पूर्व ब्लाक प्रमुख सुरेन्द्र वर्मा ने कहा कि रामसेवक यादव ने सिखाया कि सिद्धांतों पर अडिग रहते हुए भी जनता का विश्वास जीता जा सकता है। वरिष्ठ पत्रकार धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव एवं अनिल त्रिपाठी ने स्व. रामसेवक यादव जैसे विराट व्यक्तित्व के पदचिह्नों पर चलकर समाजवादी विचारधारा को मज़बूत बनाने की बात कही।
कार्यक्रम के दौरान रामगोबिन्द चौधरी ने स्व. रामसेवक यादव के साथी और समकालीन सहयोगी गुरूबचन लाल यादव और लोकतंत्र सेनानी हरिराम सिंह यादव को स्व. रामसेवक यादव स्मृति सम्मान से पुरस्कृत किया गया। वहीं साहित्यकार डा. पवन यादव कृत पुस्तक समाजवाद के प्रयोगधर्मी नायक रामसेवक यादव वितरीत की गई।
इससे पहले स्व रामसेवक यादव जन्मशताब्दी वर्ष समारोह समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम की शुरूआत श्रीमतभागवत कथा से हुई। जिसके बाद पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोबिंद चौधरी ने धनोखर चौराहा और छाया चौराहा पर लगी स्व. रामसेवक यादव की प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सभा का संचालन समिति के संयोजक एवं वरिष्ठ सपा नेता ज्ञान सिंह यादव ने किया। अन्त में सपा के प्रदेश सचिव डॉ विकास यादव ने आए हुए अतिथियों को आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस मौके पर प्रमुख रूप से समाजसेवी मो. उमेर किदवई, शिवशंकर शुक्ला, सपा महिला सभा की जिलाध्यक्ष पूनम यादव, सपा युवजन सभा के राष्ट्रीय सचिव प्रियांशु राज यादव, गौतम रावत, डॉ ज्ञान प्रकाश मिश्रा, तेज कुमार रावत, राम उजागर यादव, पूर्व ब्लाक प्रमुख यासिर अराफात किदवई, सपा नेता सरताज चौधरी, मृत्युंजय शर्मा, पूर्व प्रमुख हशमत अली गुड्डू, रामसिंह यादव, लईक अहमद, उमानाथ यादव सोनू, दानिश सिद्दीकी, विनय कुमार सिंह, विजयपाल गौतम, विनोद भारती, सत्यवान वर्मा, जितेन्द्र पटेल, रामदीन, श्रवण यादव आदि कई लोग मौजूद रहे।
Youngsters should learn from Ramsevak Yadav's struggles and prepare for a big movement to remove inequalities: Ram Govind Chaudhary
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