Barabanki News... देवा मेला (Deva Mela) में ऑल इंडिया मुशायरे (All India Mushaira) के शताब्दी वर्ष पर देश के कोने कोने से आये नामचीन शायरों (SHAIR) ने अपनी गज़ल(Ghazal) और नज़्म पढ़कर खूब वाहवाही लूटी। देवा मेला में शनिवार को ऑल इंडिया मुशायरे की शुरुआत मुख्य अतिथि सिने अभिनेता राजबब्बर, विशिष्ट अतिथि जस्टिस फैज आलम खान इलाहाबाद हाईकोर्ट, पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप और सांसद तनुज पुनिया ने शमां रोशन कर ऑल इंडिया मुशायरे की शुरुआत की। इसके बाद मुशायरे के शताब्दी वर्ष पूर्ण होने पर पत्रिका आबशार का विमोचन किया किया।

मुशायरे की सदारत पूर्व मंत्री एवं शिक्षाविद डॉ अम्मार रिवजी ने की। मुशायरे का संचालन शायर अजहर इकबाल ने किया। इस मौके पर मुशायरा के मुख्य संयोजक चौधरी तालिब नज़ीब और सह संयोजक फ़जल इनाम मदनी और एसएम हारिस आदि ने मुशायरा में आये अतिथियों और शायरों को बुके भेंटकर और शाल ओढाकर इस्तक़बाल किया। इस अवसर पर मेला कमेटी के सचिव/ एडीएम अरुण कुमार सिंह, एडीजे लखनऊ मीनाक्षी, एसीजेएम बाराबंकी वंदना, एसीजेएम डॉ प्रीति भास्कर। कमेटी के सदस्यगण राय स्वरेश्वर बली उर्फ संजय बली, फव्वाद किदवई, इकबाल मुव्वशिर किदवई, संदीप सिन्हा, चौ. अशीरुद्दीन अशरफ, वरिष्ठ पत्रकार हसमत उल्ला आदि उपस्थित थे।
ऑल इंडिया मुशायरे की शुरुआत शायर मकसूद पयामी ने अपनी शेर, दे कर के लहू अपना गुलशन को संवारा है, जितना ये तुम्हारा है उतना ही हमारा है, पढ़कर की। इसके बाद उन्होंने पढ़ा, रहती थी दरख्तों पर उड़ती थी हवाओं में, बस भूख ने चिड़िया को धरती पर उतारा है, आदि पर खूब तालियां बटोरी।
इसके बाद मंजर भोपाली ने, ऐ कैसा कर्ज़ है नफ़रत का कम नहीं होता, ये बढ़ता जाता है जितना छुपाया जाता है, पढ़कर दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी, इसके बाद उन्होंने पढ़ा, अब तो गज़लें सुनना कठिन हो गया, मैं कहाँ हूं ये गूगल को मालूम हो गया, उनसे करना बहाना कठिन हो गया। इसके बाद उन्होंने गीत, फिर से अपने भारत को गुलसिताँ बनाना है.....साथ साथ चलना है ये सबको बताना है आदि पर खूब तालियां बटोरी।
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विजय लक्ष्मी की प्रस्तुतियों को दर्शकों ने खूब सराहा
देवा मेला के ऑडिटोरियम में शनिवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में लखनऊ कम्युनिकेशन सोसाइटी द्वारा लोक नृत्य की प्रस्तुति विजय लक्ष्मी गुप्ता समाजसेविका, अभिनेत्री के संयोजन में रेलिया बैरन पिया को लिए जाए से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। जिसमें विशाल गुप्ता, अंशिका त्यागी, सची द्विवेदी, सिम्मी कुमारी के द्वारा कार्यक्रम की मनमोहक नृत्य नाटिका के साथ ही राजस्थानी लोकनृत्य और अवधी लोकनृत्य की झलक देखने को मिली। दर्शकों ने इस कार्यक्रम को खूब सराहा।
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मोको कहां ढूँढ़े रे बन्दे....नृत्य नाटिका पर दर्शकों ने की खूब वाहवाही

देवा मेला में शनिवार को सांस्कृतिक मंच पर यायावर रंगमण्डल द्वारा नृत्य नाटिका, मोको कहां ढूँढ़े रे बन्दे, की प्रस्तुति दी। जिसका निर्देशन यायावर रंगमण्डल के निदेशक पुनीत मित्तल ने और लेखन छवि मिश्रा ने किया। कबीरा ये घर प्रेम का खाला का घर नहीं....' सूफी संत कबीर की ये पंक्तियां आधुनिक और फ़ास्ट फूड कल्चर के इस दौर में और भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं। जहाँ हमारे जीवन में सच्चे प्रेम की कोई जगह नहीं बची है। समाज भौतिक सुखों की तरफ भागता जा रहा है जिसके कारण मानवीय संवेदनाएं व आपसी सम्बन्ध टूटते बिखरते जा रहे हैं। आज प्रेम की परिभाषा ही बदलती जा रही है जो वर्तमान समाज और आने वाली पीढ़ियों के लिए घातक है। ऐसे में सूफियाना सन्देश इस सामाजिक विघटन को बचाने में सहायक हो सकता है। "मोको कहां ढूँढ़े रे बन्दे" में शारीरिक यानी फिज़िकल मूवमेन्ट्स के साथ अन्य भारतीय शास्त्रीय व लोक नृत्यों और संवादों के माध्यम से नृत्य नाटिका का पूरा ताना बाना बुना गया। अंशिका पाठक, ईशा रतन, मिशा रतन, एम्बर प्रगति गुप्ता, दिलप्रीत, आद्या घोषाल, अक्षिता मिश्रा ने सराहनीय प्रस्तुति दी। सुश्रुत गुप्ता, ने अपनी कला से दर्शकों का दिल जीता। प्रकाश परिकल्पना एवं संचालन मो हफीज़, मंच व्यवस्था अनूप कुमार सिंह, रुप सज्जा, मनोज वर्मा का रहा।
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मेघना के गीतों पर झूमें श्रोता

देवा मेला में शनिवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में प्रसिद्ध गायिका मेघना मिश्रा के गीतों पर श्रोता झूम उठे। उन्होंने सूफी गीत, छाप तिलक सब छीनी मोसे नैना मिलाइके गीत से अपनी प्रस्तुति दी। इसके बाद, चल तेरे इश्क़ में, जा रे जा ओ हरजाई, पिया तू अब तो आ जा और आज की रात आदि मनमोहक गीतों की प्रस्तुतियां दी।
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अजीत पांडेय के भोजपुरी गीतों पर झूमें दर्शक
शनिवार को देवा मेला के सायं कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में भोजपुरी गायक अजीत पांडेय ने अपने गीतों समां बांध दिया। उन्होंने अपनी प्रस्तुति देवी गीत श्रष्टि असुरन से जब लाचार हो गयी आदि से अपनी प्रस्तुति दी। इसके बाद उन्होंने, रे राजा जी, और सीताराम भजन की मनमोहक प्रस्तुति देकर भक्ति रस में सबको डुबो दिया। इसके बाद दरोगा जी चार दिन से पियवा बा लापता, और साथी कलाकार अमित पांडेय ने अपनी प्रस्तुति गोरिया चांद के अजोरिया ममतामई दरबार आदि गीत से दी।
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स्कूली बच्चों के कार्यक्रमों ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध

शनिवार को देवा मेला के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सायं कालीन श्रृंखला में स्कूली बच्चों के मनमोहक कार्यक्रमों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत विकास खण्ड बंकी के कंपोजिट विद्यालय उमापुर संदौली के बच्चों ने वेलकम सॉन्ग से की। इसके बाद कालबेलिया नृत्य, कजरी और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से शिक्षा सम्बन्धी योजनाओं की जानकारी दी। इसके बाद जमिलुर्रह्मान किदवाई गर्ल्स इंटर कॉलेज बाराबंकी की छात्राओं ने कव्वाली, जब आँच वतन पर आती है और ओ री चिरैया नन्ही सी चिड़िया अंगना में फिर आ जा रे आदि की प्रस्तुति मनमोहक दी। इसके बाद कंपोजिट स्कूल बड़ेल के बच्चों ने, घर आये परदेशिया पधारों पिया, आदि की प्रस्तुति दी। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय बंकी की छात्राओं ने योग साधना पर नृत्य की प्रस्तुति दी, प्राथमिक विद्यालय ढकौली के बच्चों ने रंगीलो मारो ढोलना की प्रस्तुति देकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद डीएसडब्ल्यूएस एनजीओ उतरेठिया लखनऊ के बच्चों द्वारा सोशल मीडिया, फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप के विषय में एक लघु नाटक के माध्यम से प्रस्तुति देकर इसके सदुपयोग और दुरुपयोग की तरफ सबका ध्यान रेखांकित किया। इसके बाद जीजीआईसी देवा की बालिकाओं द्वारा चुप्पी तोड़ो खुलकर बोलो कार्यक्रम के तहत किशोरी बालिकाओं को स्वच्छता सम्बन्धी जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त सहायक निदेशक सूचना श्री सुहैल वाहिद अंसारी और विशिष्ट अतिथि जिला सूचना अधिकारी श्रीमती आरती वर्मा और कार्यक्रम की नोडल/ जीजीआईसी देवा की प्रिंसिपल डॉ सुविद्या वत्स द्वारा कार्यक्रम के प्रतिभागी बच्चों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर खंड शिक्षा अधिकारी बंकी चन्द्र शेखर यादव, शिक्षिका अलका गौतम, लक्ष्मी सिंह आदि उपस्थित रही। कार्यक्रम में मंच का संचालन जीजीआईसी देवा की प्रिंसिपल डॉ सुविद्या वत्स और एआरपी सुभाष चंद्र तिवारी द्वारा किया गया।
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नारी का सम्मान करो तुम दहेज का अपराध बड़ा है.......

शनिवार को देवा मेला के ऑडिटोरियम में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कलाकारों द्वारा एक से बढ़कर एक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी गयी।
कार्यक्रम का शुभारंभ ह्रदयेश जादूगर द्वारा जादू के कार्यक्रम से किया गया जिसमें उन्होंने जादू के माध्यम से स्वच्छता, शिक्षा आदि विषयों के प्रति लोगों को जागरूक किया। इसके बाद सिद्धार्थ कनौजिया की टीम ने ग्रामीण कठपुतली कार्यक्रम के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा सहित स्वच्छता आदि विषयों पर जागरूकता सन्देश दिया। लोक गायक जमुना कनौजिया ने अपनी प्रस्तुति, नारी का सम्मान करो तुम दहेज का अपराध बड़ा है, नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दहेज बड़ा अपराध है इस विषय पर लोगों को जागरूक किया। लोक गायिका बलवंती ने जमुना कनौजिया के साथ युगल गीत, नीक नाही लागे ला बाजरा, आदि की मनमोहक प्रस्तुति दी। लोक गायक कलाकार सन्तोष यादव ने अपनी प्रस्तुति लोक गीत, दुश्मन मिले सबेरे मगर मतलबी यार न मिले आदि सहित अनेक गीतों की प्रस्तुतियां दी। लोक गायिका आरोही ने, अंगूरी में डस ले बिया नागिनियाँ हो, और लोक गायिका मोनिका ने अपनी प्रस्तुति, ओ साथी हमारा कौन बनेगा तुन न सुनोगे तो कौन सुनेगा आदि की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री संतोष कुमार देव पांडेय, विशिष्ट अतिथि जिला सूचना अधिकारी श्रीमती आरती वर्मा और कार्यक्रम की नोडल/ जीजीआईसी देवा की प्रिंसिपल डॉ सुविद्या वत्स द्वारा कलाकारों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सर्वश्री मंचीय व्यवस्थापक सतीश कुमार तिवारी, दिलीप मिश्रा सहित एआरपी सुभाष चन्द तिवारी आदि उपस्थित रहे।
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देवा मेला राज्य स्तरीय वाॅलीबाल प्रतियोगिता 2024

देवा मेला में दो दिनों से चल रही राज्य स्तरीय बाॅलीबाल खेल प्रतियोगिता में शुक्रवार को सेमीफाइनल एवं फाइनल मैच खेले गए । जिसमें फाइनल मैच सुल्तानपुर और टिकरा उस्मा बाराबंकी के बीच हुआ। फाइनल मैच काफी रोचक रहा। इसमें टिकरा उस्मा ने सुल्तानपुर को हरा कर जीत हासिल की।
वाॅलीबाल प्रतियोगिता में 8 टीमों ने हिस्सा लिया था। आयोजन समिति के सचिव एवं देवा मेला कमेटी के सर्वश्री सदस्य जनाब फ़वाद क़िदवाई जी, इमरान क़िदवाई,साहब ने खिलाड़ियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। उपस्थित लोगों में चौधरी अशीरउदूदीन अशरफ,मेहबूब क़िदवाई, डॉ फर्रुख क़िदवाई,वाॅलीबाल संघ के जिला सचिव पवन सिंह, चौधरी शोएब अहमद,अफ्फान क़िदवाई,शिवशंकर वर्मा,अमिर क़िदवाई सहित अन्य लोग मौजुद रहे।
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