Barabanki News... जनपद में इंडोर फील्ड अर्चरी एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश और इंडोर फील्ड अर्चरी एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में दशहराबाग स्थित एम इक्वायर स्पोटर्स कल्ब में रविवार को राज्य स्तरीय इंडोर फील्ड अर्चरी की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में कानपुर, उन्नाव, बनारस, बहराइच, लखनऊ, बिजनौर, अम्बेडकरनगर, अयोध्या, बाराबंकी, गोरखपुर, बस्ती, बलिया व गोण्डा आदि जिलों के 300 से अधिक तीरंदाजों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। तीरंदाजी में लोगों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। बड़ी संख्या में नई उम्र के बच्चे इसमें हिस्सा ले रहे हैं। इसकी वजह है इस खेल के फायदे। इस खेल में फिजिकली फायदा तो है ही, कैरियर की भी अपार संभावनाएं हैं। आइए आपको बताते हैं ये खेल आपके लिए किस तरह से फायदेमंद हैं...
तीरंदाजी के लाभ
1.एकाग्रता में सुधार
तीरंदाजी एकाग्रता और ध्यान की कला है। हर निशाना साधते समय मानसिक ध्यान केंद्रित करना पड़ता है, जो एकाग्रता को बेहतर बनाता है।
2. धैर्य में वृद्धि
तीरंदाजी में धैर्य बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि सही समय पर और सही तकनीक से तीर चलाना पड़ता है। यह अभ्यास जीवन में धैर्यवान बनने में मदद करता है।
3.शारीरिक मजबूती
तीरंदाजी में बार-बार तीर चलाने से हाथ, कंधे, पीठ और छाती की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं, जिससे शरीर फिट रहता है।
4.मनोबल और आत्मविश्वास में बढ़ोतरी
तीरंदाजी में अभ्यास और कौशल से सफलता मिलती है, जो मनोबल और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
5. समय-प्रबंधन
एक अच्छा तीरंदाज समय का प्रबंधन करना सीखता है, क्योंकि सही समय पर निशाना लगाना आवश्यक होता है। इससे अन्य कार्यों में भी समय-प्रबंधन करने की आदत पड़ती है।
6.तनाव में कमी
तीरंदाजी एक शांत खेल है, जिसमें मानसिक शांति की आवश्यकता होती है। यह मानसिक तनाव को कम करने और मन को शांत रखने में सहायक होता है।
7. मूल्यांकन क्षमता में सुधार
तीरंदाजी में दूरी, हवा की गति और दिशा का ध्यान रखना पड़ता है, जिससे निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है।
8. सामूहिक कार्य और अनुशासन
यदि तीरंदाजी टीम में की जाती है, तो यह सामूहिक कार्य और अनुशासन की भावना को बढ़ावा देती है, जिससे समाज में एकता का विकास होता है।
ये सभी लाभ तीरंदाजी को न केवल एक खेल, बल्कि मानसिक और शारीरिक विकास का एक बेहतरीन माध्यम बनाते हैं।
भारत में तीरंदाजी में करियर के अवसर
1.राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं
तीरंदाजी में करियर बनाने के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं होती हैं। एक खिलाड़ी विभिन्न स्तरों पर भाग लेकर भारत का प्रतिनिधित्व कर सकता है, जैसे एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल खेल और ओलंपिक खेल।
2. भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI)
भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) तीरंदाजी में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए विभिन्न अकादमियां और प्रशिक्षण केंद्र संचालित करता है। इन केंद्रों में कोचिंग लेकर खिलाड़ी अपने कौशल को निखार सकते हैं और सरकारी मदद प्राप्त कर सकते हैं।
3.सरकारी नौकरियों में अवसर
तीरंदाजी में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण और पदोन्नति के अवसर मिलते हैं। भारतीय सेना, पुलिस, रेलवे और अन्य सरकारी संस्थानों में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को विशेष भर्तियां दी जाती हैं।
4.कोच और प्रशिक्षक बनना
तीरंदाजी में अनुभव प्राप्त करने के बाद खिलाड़ी कोच या प्रशिक्षक बन सकते हैं। सरकारी संस्थान, स्पोर्ट्स क्लब और निजी अकादमियां प्रशिक्षकों की तलाश में रहती हैं, जहाँ अच्छे वेतन के साथ काम करने के अवसर मिलते हैं।
5. स्पोर्ट्स ब्रांड एंबेसडर और प्रायोजन
बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को विभिन्न स्पोर्ट्स ब्रांड के एंबेसडर बनने का अवसर मिलता है। कंपनियाँ ऐसे खिलाड़ियों को प्रायोजित करती हैं, जिससे आर्थिक रूप से मदद मिलती है।
6.स्पोर्ट्स मैनेजमेंट और एनालिस्ट
अगर खिलाड़ी तीरंदाजी के तकनीकी पहलुओं में माहिर हैं, तो वे स्पोर्ट्स मैनेजमेंट या तीरंदाजी एनालिस्ट के रूप में भी करियर बना सकते हैं। इसमें खिलाड़ियों की प्रदर्शन का आकलन और रणनीतियाँ बनाने में मदद की जाती है।
7.खेल शिक्षा और अनुसंधान
खेल विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में भी करियर की संभावनाएँ हैं। खिलाड़ी खेल शिक्षा में डिग्री प्राप्त कर खेल विज्ञान और रिसर्च में भी अपना योगदान दे सकते हैं।
8.इनाम और पुरस्कार
तीरंदाजी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर खिलाड़ियों को सरकार द्वारा नकद पुरस्कार और विभिन्न सुविधाएँ दी जाती हैं, जिससे आर्थिक स्थिरता मिलती है।
भारत में तीरंदाजी में करियर बनाने के लिए अब अच्छे प्रशिक्षण केंद्र, सरकारी समर्थन और आर्थिक अवसर मौजूद हैं। इसमें करियर बनाने के लिए दृढ़ संकल्प, अनुशासन और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है।
भारत में अर्चरी के प्रति लोगों में बढ़ते रुझान के बावजूद इस खेल के सामने कई चैलेंजेज हैं। सबसे बड़ा चैलेंज इस खेल के इक्यूपमेंट्स का महंगा होना। दरअसल अर्चरी के तमाम इक्यूपमेंट का निर्माण अभी तक देश में नहीं हो रहा है। ये सारे इक्यूूपमेंट विदेशों से ही आयात होते हैं। इसकी वजह से ये काफी महंगे होते हैं। इसलिए इनका खरीदना आसान नहीं होता। अर्चरी से जुड़े लोगों का मानना है कि सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
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