Barabanki News... जिले के घुंघटेर थाना क्षेत्र के छिलगांव गांव में पेड़ से लटके मिले दलित समाजसेवी की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। परिजनों के दावों से इस मामले में रहस्य गहरा गया है। मृतक दलित समाजसेवी के परिजनों ने इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने जो दावे और तथ्य पेश किए हैं उसके मुताबिक दलित समाजसेवी ने आत्महत्या नहीं बल्कि उसकी हत्या कर उसे पेड़ पर लटकाया गया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच के बाद ही तमाम चीजें सामने आएंगी।
आपको बता दें घुंघटेर थाना क्षेत्र के छिलगांव के समाजसेवी संदीप कुमार गौतम (32) पुत्र कीड़ा गौतम का 3 दिन पहले संदिग्ध हालात में यूकेलिप्टस के पेड़ से लटका शव बरामद हुआ था। मृतक के बारे में गांव के लोगों का कहना है कि वो सीधा-साधा व्यक्ति था और गांव में हमेशा लोगों की भलाई का काम करता था। बीमार लोगों के इलाज में मदद करता था। उसके परिजनों का दावा है कि संदीप आत्महत्या नहीं कर सकता। उसके परिजनों ने इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कराने के लिए थाने पर तहरीर दी हौ और मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर मुकदमा दर्ज कराए जाने की मांग की है। मृतक संदीप गौतम के पिता कीड़ा गौतम ने मुख्यमंत्री को एक शिकायती पत्र भेज कर कहा है कि उन्हें शक है कि उसके बेटे ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि उसकी हत्या की गई है और शव को पेड़ से लटका दिया गया है। उसका बेटा आत्महत्या नहीं कर सकता है। इसलिए हत्या का मुकदमा दर्ज कराया जाए। उसे न्याय दिलाया जाए अगर हत्या का मुकदमा दर्ज न किया गया तो वह न्यायालय जाएगा। कीड़ा गौतम का कहना है उसने घुंघटेर थाने में भी प्रार्थना पत्र दिया है, लेकिन अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। पुलिस मामले में हीलाहवाली कर है।
वहीं छिलगवां गांव से करीब 500 किलोमीटर दूर खेत के पास यूकेलिप्टस के एक मोटे पेड़ से लटके मिले संदीप के शव और घटनास्थल को लेकर परिजन कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं। जिसने इस मामले में सस्पेंस को गहरा दिया है। मृतक परिजनों का कहना है जिस तहमद से बंधा शव लटक रहा था। वह उनके घर का नहीं है। मृतक के चेहरे पर लगे चश्मे के न गिरना और जैकेट की जेब में मृतक के दोनों हाथ होने पर भी परजनों ने सवाल खड़े किए हैं। खेत में चलने और पेड़ पर चढ़ने के बाद भी मृतक युवक के सफेद मौजों में जरा से भी मिट्टी न लगा होने पर भी परिजनों को शक की बू महसूस हो रही है। परिजनों का दावा है कि अगर मान लिया जाए कि घर से 500 मीटर दूर रात में खेतों में आकर युवक ने फांसी लगाई, तो इसके जूते में खेतों ओस भरी मिट्टी क्यों नहीं लगी। यह भी जांच का बिंदु है। दावा ये भी है कि मृतक पेड़ पर नहीं चढ़ पता था। फिर यूकेलिप्टस के मोटे पेड़ पर वो कैसे चढ़ा। वो भी मोजे जैकेट पहने हुए, ये भी बड़ा सवाल पैदा करता है। परिजनों का दावा है कि अगर हम मान भी लें कि मृतक गोफ़ा और सरल डालकर पेड़ पर चढ़ भी गया, तो उसकी जैकेट में गंदगी के निशान क्यों नहीं थे। यह भी जांच का बिन्दू है। परिजनों का ये भी दावा है कि पेड़ में बंधा फंदा काफी ढील था और देखने से लगता है कि नीचे से पुआल पर खड़े होकर लगाया गया है। मृतक युवक के गले के फंदे में मामूली गिठा थी यह भी जांच का विषय है। परिजनों का सवाल है कि अगर पेड़ के ऊपर बैठकर फंदा लगाकर मृतक कूदा था, तो डाली के ऊपर कपड़ा क्यों नहीं था। पेड़ पर चढ़ना और डाली पे टूटने के भी निशान न होना कई सवाल खड़े करता है। परिजनों के इन दावों ने मामले पर संस्पेंस बढ़ा दिया है। अब देखना ये है कि पुलिस की जांच में क्या निकलता है।
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