ताज़ा खबरें

7/recent/ticker-posts

Barabanki: धार्मिक कट्टरता के धुर विरोधी थे राजनारायण- राजनाथ

 

38वीं पुण्यतिथि पर याद किए गए लोकबंधु Barabanki News... राजनारायण धार्मिक कट्टरता के धुर विरोधी थे। वह हिन्दू परंपराओं से प्यार करते थे, लेकिन साथ ही साथ अन्य धर्मों के प्रति समानता व आदर की भावना रखते थे उन्हें सामाजिक भेदभाव से नफरत थी। उन्हें दलितों के प्रति सहानुभूति थी।

 उक्त विचार गांधी भवन में समाजवादी पुरोधा और पूर्व केन्द्रीय मंत्री लोकबंधु राजनारायण की 38वीं पुण्यतिथि पर आयोजित स्मृति सभा की अध्यक्षता कर रहे समाजवादी चिन्तक राजनाथ शर्मा ने व्यक्त किए। श्री शर्मा ने कहा कि लोकबंधु राजनारायण आम आदमी के हित चिंतक थे। उनकी बेहतरी के लिए वह आजीवन संघर्षरत रहे। राजनरायण इंसानियत और मानवता के वैचारिक प्रकाश स्तम्भ थे। वर्तमान परिदृश्य में समाज से ओझल हो रहे ईमानदारी व मानवता के पैरोकार लोकबंधु राजनारायण को याद करना प्रासंगिक हो गया है। इस दौरान उन्होंने राजनारायण के साथ बिताये कई संस्मरण सुनाए। 

 पूर्व विधायक सरवर अली ने कहा कि लोकबंधु राजनारायण तमाम जिंदगी समाजवादी विचारधारा के प्रति समर्पित रहे। उन्होंने कभी भी अपने सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं किया। वे हमेशा समाज के वंचित तबकों की बेहतरी के लिए संघर्षरत रहे।

 समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव हुमायूं नईम खां ने कहा कि डॉ लोहिया के बाद लोकबन्धु राजनारायण ही समाजवादी आंदोलन के कर्मठ और संघर्षशील योद्धा थे। उन्होंने दलितों, शोषितो की आवाज को उथाने का काम किया। बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर में दलितों के प्रवेश के लिए आंदोलन किया और दलितों को उनका अधिकार दिलाया। भारतीय राजनीति में उनकी पहचान लोक प्रहरी के रूप में बनी रही। वह कबीर परम्परा के ऋषि पुरुष थे। इस मौके पर प्रमुख रूप से मृत्युंजय शर्मा, विनय कुमार सिंह, सत्यवान वर्मा, अशोक शुक्ला, पाटेश्वरी प्रसाद, संतोष शुक्ला, मनीष सिंह, अशोक जायसवाल, उमेश श्रीवास्तव, साकेत मौर्य, वसीक अहमद सहित कई लोग मौजूद रहे।

Barabanki News
Raj Narayan 
staunch 
opponent o
religious 
fanaticism
Rajnath

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ