Barabanki News... जिला कारागार में कैदी भी अब बेहतर खेती और कृषि उत्पादों के लिए ''निमदस'' संस्था के सहयोग से केचुआ खाद के साथ-साथ गौमूत्र से जैविक खाद बनाने के गुर सीख रहे हैं। इसका प्रशिक्षण लेकर वे कृषि कार्यों के साथ ही बेहतर उत्पादन में सहयोगी बन सकेंगे। जेल अधीक्षक कुंदन कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय जैविक कृषि मिशन से जोड़ते हुए जिला कारागार में केंचुआ खाद उत्पादन की इकाई स्थापित करायी गई थी। अब बंदियों को गौमूत्र से जैविक खाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जायेगा।
वहीं जेलर जेपी तिवारी ने कहा कि बंदियों को इस यूनिट के माध्यम से जैविक खाद उत्पादन और जैविक कृषि का प्रशिक्षण समय-समय पर दिया जाएगा, ताकि जेल से छूटने के बाद वह जैविक खाद एवं जैविक कृषि को स्वरोजगार के रूप में अपनाकर सम्मानजनक जीवन यापन कर सकें। उन्होंने ने आह्वान किया कि वे स्वयं एवं अन्य किसानों को रासायनिक खाद का उपयोग कम कर जैविक खाद अपनाने की सलाह दें। इससे स्वस्थ अनाज व सब्जियों का उत्पादन कर हम स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकेंगे।
संस्था के प्रबंध-निदेशक एसके वर्मा ने कहा कि गौमूत्र को जैविक खाद के रूप में इस्तेमाल कर एक नई तकनीक अपनायी है उनका कहना है कि इससे फसल को भरपूर नाइट्रोजन मिलेगी. इससे सब्जियों की अच्छी पैदावार प्राप्त होगी इसके साथ ही उन्होंने बंदियों को गोमूत्र और जैविक खाद का इस्तेमाल कर जीरो बजट पर खेती करने का सुझाव भी दिया है।
Barabanki News
prisoners
become
skilled
agricultural
work
help
better production
0 टिप्पणियाँ