Barabanki News... जिले में मेसर्स पतरू एग्री बायोटेक प्रा0लि0 कम्पनी के समस्त प्रकार के बीजों की बिक्री पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। जिला कृषि अधिकारी ने समस्त बीज विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि उक्त कंपनी का कोई भी बीज यदि बिक्री होते पाया गया, तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिला कृषि अधिकारी के जारी आदेश में कहा गया है कि मेसर्स पतरू एग्री बायोटेक प्रा0लि0 कम्पनी के समस्त प्रकार के बीजों की जनपद में बिक्री प्रतिबन्धित करते हुए कम्पनी को एवं जनपद के समस्त बीज विक्रेताओं को निर्देशित किया जाता है कि उक्त कम्पनी का कोई भी बीज जनपद में बिक्री न किया जाए, यदि कोई विक्रेता/कम्पनी द्वारा बीज बिक्री करते हुए पाया जाता है तो उसके विरू( उक्त आदेश एवं अधिनियम के तहत नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी, जिसके लिए वह पूर्ण रूप से उत्तरदायी होगें।
उपरोक्त आदेश गत खरीफ 2024 में जनपद में पतरू एग्री बायोटेक प्रा0लि0 कम्पनी द्वारा आपूर्तित धान पूसा बासमती में निर्धारित पकने की अवधि के पश्चात भी फसल में बालियां न आने की प्राप्त शिकायत के क्रम में कम्पनी के प्रतिनिधि एवं सम्बन्धित बीज विक्रेता मेसर्स सूरज बीज भण्डार-धौसारपुरवा के साथ स्थलीय जांच/निरीक्षण किया गया, जांच में कृषकों की शिकायत सही पाये जाने पर कम्पनी को कई बार शिकायत का निराकरण कराते हुए साक्ष्यों सहित स्पष्टीकरण मांगा गया, परन्तु कम्पनी द्वारा कोई उत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया।
12 अक्टूबर 2024 को भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा उप कृषि निदेशक के कार्यालय परिसर में किये गये धरना प्रदर्शन के दौरान कम्पनी के प्रतिनिधि एवं कृषकों द्वारा हुए समझौता में कम्पनी के प्रतिनिधि श्री कौशलेन्द्र सिंह रिजनल मैनेजर व श्री संजय बाजपेयी, टेरिटरी मैनेजर द्वारा किसानों से वार्ता कर कम्पनी द्वारा 4000.00 रूपये प्रति बीघा की दर से मुआवजा सम्बन्धित कृषकों को दिलाये जाने हेतु आश्वासन दिया गया, जिसके सम्बन्ध में कम्पनी के प्रतिनिधि को मौके पर यह निर्देश दिया गया कि धरना प्रदर्शन में उपस्थित कृषकों के साथ-साथ जनपद के अन्य कृषकों जिनकी फसल खराब हुई है कि जांच कर उन्हें भी उपरोक्तानुसार मुआवजा प्रदान कर निराकरण कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया, परन्तु कम्पनी के प्रतिनिधि द्वारा मात्र 07 कृषकों को ही उक्त मुआवजा दिया गया, जिसकी जानकारी अन्य कृषकों को होने के उपरान्त कृषकों द्वारा अपने शपथ-पत्र के माध्मय से शिकायत करते हुए मुआवजा दिलाये जाने हेतु अनुरोध किया गया, जिसके सम्बन्ध में कम्पनी के प्रतिनिधियों से दूरभाष पर निराकरण कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया, परन्तु कम्पनी द्वारा न तो अपना साक्ष्य/स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया गया और न ही निराकरण कराया जा रहा है।
कम्पनी द्वारा इस सम्बन्ध में कोई भी साक्ष्य/स्पष्टीकरण प्रस्तुत न किये जाने तथा प्राप्त होने वाली शिकायतों का निराकरण न कराये जाने से यह स्पष्ट होता है कि कम्पनी द्वारा कृषकों की शिकातयों का पूर्णतया संज्ञान नहीं लिया गया, जबकि कम्पनी द्वारा दूसरी प्रजाति का/खराब गुणवत्तायुक्त बीज जनपद में आपूर्ति कर/गुमराह कर बिक्री कराये जाने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है, जो कि बीज अधिनियम 1966, बीज नियम 1968 तथा बीज नियंत्रण आदेश 1983 का उल्लंघन है उक्त आदेश एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत दण्डनीय अपराध है।
The administration banned the sale of seeds of this company, what is the reason?
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