Ayodhya News... जिले के रुदौली क़स्बे का में 10वीं मुहर्रम के जुलूस के दौरान एक असाधारण और दिल को छू लेने वाला दृश्य देखने को मिला। यहां 600 करोड़ की मार्केट कैपिटल वाली कंपनी एक्ज़िकॉन इवेंट्स मीडिया सॉल्यूशंस लिमिटेड के चेयरमैन एम क्यू सैयद ने रिक्शा खींचा और उनके परिजनों ने रिक्शे पर रखे कोल्ड ड्रिंक अजादारों में तकसीम किए।
गेस की घड़ी (₹75,000), मसेराती की टोपी (₹3,500), और ब्रांडेड कपड़ों में होने के बावजूद एमक्यू सैयद इस भीड़ में सबसे अलग नज़र आ रहे थे। वजह उनकी शानो-शौकत नहीं, बल्कि उनकी सेवा भावना और विनम्रता थी।
भीषण गर्मी में 10वीं मुहर्रम के जुलूस के दौरान जब लोग छांव और राहत की तलाश में थे, एमक्यू सैयद और उनका पूरा परिवार खुद रिक्शा चलाकर ठंडा पानी, जूस और सॉफ्ट ड्रिंक्स जुलूस में शामिल अकीदतमंदों को बांट रहे थे — वो भी नंगे पांव, बिना किसी दिखावे के।
इस प्रेरणा का मूल कारण इमाम हुसैन (अ.स.) की कुर्बानी
एम क्यू सैयद के इस अमल की जड़ें उसी करबला की धरती से जुड़ी हैं, जहाँ इमाम हुसैन (अ.स.) ने अपने साथियों सहित प्यासे रहकर इंसाफ, इंसानियत और हक़ की खातिर अपनी जान तक क़ुर्बान कर दी। करबला सिर्फ इतिहास नहीं, एक ज़िंदा तालीम है — जो यह भी बताती है कि इंसानियत की बड़ी पहचान सेवा है, सत्ता नहीं।
यह सिर्फ एक मिसाल नहीं, बल्कि एक मक़ाम है इंसानियत और इमाम हुसैन (अ.स.) की मोहब्बत का, जहाँ करोड़ों की दौलत रखने वाला शख्स, आम लोगों की तरह खुद को झुका देता है। एम क्यू सैयद और उनके परिवार के लोग इमाम हुसैन (अ.स.) की राह पर चलने की कोशिश करते हैं और यही राह है जो इंसान को बड़ा बनाती है।
Chairman of Rs 600 crore company pulls rickshaw barefoot during Muharram, distributes cold drinks
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