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Barabanki: समाजवाद के गढ़ से बुलंद हुई ऐसी आवाज, छूट जाएंगे, अखिलेश-राहुल के छक्के

 

रिपोर्ट-मो. उमैर 

Barabanki News... समाजवाद का गढ़ माने जाने वाले जिले से रविवार दोपहर एक ऐसी आवाज बुलंद हुई है, जो सपा मुखिया अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के छक्के छुड़ा देगी। ये ऐसी अवाज है जो प्रदेश में नए सियासी समीकरण बनने की ओर इशारा कर रहा है। यही ये आवाज इस बात की तरफ भी इशारा कर रहा है कि एक समुदाय विशेष में अपने नेतृत्व के लिए अलख जाग उठी है। जरूरत है बस उसे सही विकल्प की।

   

दरअसल आजाज समाज पार्टी (कांशीराम) के अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद रविवार की दोपहर बहराइच में पार्टी के एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। इस दौरान जिले में ASP (K) के कार्यकर्ता जगह-जगह उनका स्वागत कर रहे थे। कांवड़ यात्रा के चलते चंद्रशेखर का काफिला सफदरगंज से बदोसराय रोड होकर बहराइच के लिए जा रहा था। दोपहर करीब 12 बजा उनका काफिला रामनगर विधानसभा क्षेत्र के मैलारायगंज गांव के चौराहे पर पहुंचता है। यहां पार्टी के जिला प्रभारी इबादुर्रहमान नायाब के द्वारा चंद्रशेखर के भव्य स्वागत के लिए व्यवस्था की गई थी। चंद्रशेखर का काफिला मुस्मिम बाहुल्य क्षेत्र मैलारायगंज में जैसे ही पहुंचता है। चंद्रशेखर को देखने और उनसे बात के लिए भीड़ लालयित हो उठती है। चंद्रशेखर लोगों का अभिवादन स्वीकारने के साथ लोगों से खामोश रहने की अपील करते हैं। इस दौरान चंद्रशेखर वहां की कुछ महिलाओं से बात करना शुरू ही करते हैं कि एक ावाज बुलंद होती है... चंद्रशेखर भैया... इस बार ओवैसी से गठबंध हो जाए। ये आवाज एक बार नहीं 5 से 6 बार गूंजती है। दो-तीन आवाजों के बाद चंद्रशेखर उसक शख्स की तरफ देखते भी हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं देते और फिर महिलाओं से बात करने लगते हैं। इस पूरे मामले का करीब दो मिनट का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यहां ये भी स्पष्ट कर दिया जाए कि रामनगर विधानसभा क्षेत्र समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता बेनी प्रसाद वर्मा क्षेत्र है और यहां से समाजवादी पार्टी के टिकच पर फरीद महफूज किदवाई विधायक हैं। 

चंद्रशेखर के लिए इस खुले माहौल में टिप्पणी करना शायद उचित नहीं था। इसलिए शायद उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन मुस्लिम बाहुल विधानसभा क्षेत्र रामनगर में ओवैसी के साथ चंद्रशेखर के गठबंधन के लिए बुलंद हुई आवाज नये सियासी माहौल की तरफ इशारा कर रही है। ये आवाज आगामी विधानसभा चुनावों के लिए जहां नये सियासी समीकरण की तरफ इशारा कर रही है। वहीं ये आवाज इस बात की तरफ भी इशारा कर रही है कि एक विशेष समुदाय में अपनी खुद के नेतृत्व के लिए चिंगारी भड़क उठी है। अगर सही वक्त सही विकल्प मिल जाए तो ये चिंगारी और भड़केगी और एक बड़ी शक्ल लेकर इंडिया गठबंधन के तहत आगामी चुनाव लड़ने वाले दल के नेता राहुल गांधी और अखिलेश यादव के लिए मुसीबत बन सकती है। सरेराह ओवैसी के साथ चंद्रशेखर के गठबंधन के लिए बुलंद हुई आवाज इस तरफ भी इशारा कर रही है कि प्रदेश नहीं तो कम से कम जिले की एक बहुत बड़ी आवाम एनडीए और इंडिया गंठबंधन से इतर एक नये सियासी विकल्प की तलाश में है। हैरान करने वाली बात ये है कि ये आवाज सपा का मुस्लिम विधायक के इलाके में  और दिग्गज नेता बेनी प्रसाद वर्मा के इलाके में बुलंद हुई है। इससे ये बात और मजबूत होती है कि जिले का विशेष ,समुदाय नए सियासी समीकरण बनाने के लिए उत्सुक है।  

 बहरहाल स्लिम बाहुल विधानसभा क्षेत्र रामनगर में ओवैसी के साथ चंद्रशेखर के गठबंधन के लिए बुलंद हुई आवाज मूर्त रूप लेती है या नहीं, ये पार्टी के नेता तय करेंगे, लेकिन इस आवाज ने मौजूदा सियासी माहौल को बयान जरूर कर दिया है।

Such a voice raised from the stronghold of socialism, Akhilesh-Rahul's sixes will be missed

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