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Barabanki: सिंघम की तरह नए DMO ने टाइट किया भौकाल, अब दे रहे पूरा सम्मान!

 

BaraBanki News... अपनी सख्त कार्यशैली के लिए मशहूर जिले के नए अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी (DMO) समजय मिश्रा इन दिनों खूब सुर्खियों में हैं। जिले में आते ही उन्होंने सिंघम स्टाइल में अपने विभाग में भौकाल टाइट किया, लेकिन जब चूड़ी ज्याद टाइट हो गई, तो अब वो अपने विभाग से जुड़े कर्मचारियों को खूब सम्मान दे रहे हैं। इसे लेकर वो अपने विभाग में खास चर्चा का विषय बने हुए हैं। 

दरअसल करीब दो माह पहले बहराइच से ट्रांस्फर होकर नए DMO संजय मिश्रा ने कार्यभार संभाला है। कई जिलों में तैनाती के दौरान उनकी सख्त कार्यशैली काफी चर्चा में रही है। उनकी जांच के दौरान सख्ती के वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए हैं। उनके काम करने का अंदाज एक सिंघम की तरह है। वो हर चीज व्यवस्थित चाहते हैं। कागजात से लेकर साफ-सफाई तक वो सबकुछ एकदम टंच चाहते हैं। वो हर चीज इतनी व्यवस्थित चाहते हैं कि कभी निरीक्षण के दौरान वास्तु दोष तक निकाल देते हैं और चीजों को दुरुस्त कराने के निर्देश दे देते हैं। निरीक्षण और जांच के दौरान वो बारीक से बारीक चीज पर भी नजर डालते हैं।

नए DMO संजय मिश्रा ने आते ही अपनी चिर परिचित कार्यशैली का प्रदर्शन जिले में किया और सभी को व्यवस्थित और दुरुस्त करने में जुट गए। लेकिन नए DMO संजय मिश्रा सख्त और उनके मातहत सुस्त। भला कहा मेल खा सकता था। DMO ने सख्ती शुरू की और पेंच कसने शुरू कर दिए, लेकिन अव्यवस्था और हीलाहवाली के आदी उनके ही विभाग के मदरसा मुंतज़मीन को ये सख्ती रास नहीं आई। नियुक्ति में खेल और पेंच-ओ-खम डालने वालों, विवादित और सियासत संरिक्षत मदरसा समितियों और मदरसा शिक्षक संगठनों ने DMO के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सिर्फ मोर्चा ही नहीं खोला गया बल्कि आरपार की लड़ाई का एलान कर कार्रवाई भी शुरु कर दी गई। नगर के गांधी भवन में मदरसा शिक्षक के कई संगठनों ने सभा करके उत्पीड़न तक का आरोप लगा दिया और कह दिया कि ऐसा चलने वाला नहीं है। 

 कहा जा रहा है नए DMO संजय मिश्रा मदरसा मुंतज़मीन की इस कार्रवाई के बाद उनके व्यवहार में तब्दीली आ गई है। अब वो सबको पूरा सम्मान दे रहे हैं, लेकिन काम में कोई हीलाहवाली नहीं चाह रहे हैं। नए DMO के इस रुख से मदरसे के मुंतजमीन भी खुश हैं। उन्होंने भी वचन दे दिया है कि काम और व्यवस्था में कोई कमी नहीं मिलेगी, लेकिन सम्मान में कोई कमी नहीं होना चाहिए। 

 मदरसा मुंतजमीन नए DMO के बदले रुख से खुश तो हो गए हैं, लेकिन नए DMO का एक मदरसा प्रबंधक के आलीशान आवास में रहना खूब खटक रहा है। दरअसल नए DMO 100 किलोमीटर दूर बहराइच से बाराबंकी तबादला होकर आए हैं। अभी शायद आवास उनको मिला नहीं है। इसलिए वो नगर के मोहल्ले में स्थित मदरसा प्रबंधक के घर में रह रहे हैं। उनका वहां रहना मदरसा मुंतजमीन को इसलिए खटक रहा है कि मकान मालिक एक मदरसे के पदाधिकारी उनसे किसी कृपा के आकांक्षी हैं। कुछ लोगों का ये भी मानना है कि कोई कृपा दृष्टि हो भी चुकी है। खैर मामला जो भी हों कुछ चीजें व्यक्तिगत और संबंध से भी होती हैं। हो सकता है कोई पुराने संबंध रहे हों, लेकिन ये तमाम मामले इन दिनों अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और एक समुदाय विशेष में चर्चाओं का बाजार गर्म कर रखा है।

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