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Barabanki: सपा की DM से मांग, कहा- हलफनामे के साथ दें जवाब, बताएं 2022 में दोनों के नाम दर्ज थे या नहीं

 

Barabanki News... वोटर लिस्ट में कथित धांधली के मामले की लड़ाई लगातार दिलचस्प होती जा रही है। समाजवादी पार्टी के नेता इस मामले को लेकर लगातार चुनाव आयोग और प्रशासन पर हमलावर हैं। अब सपा नेताओं ने इस मामले DM की तरफ से दी गई सफाई पर उनसे हलफनामे के साथ जवाब देने की मांग की है।

   

आपको बता दें कि सोमवार को अखिलेश यादव के एक्स पर शपथ पत्र शेयर करने के बाद जिलाधिकारी की तरफ से कुर्सी विधानसभा के मामले की जांच में सपा अध्यक्ष के आरोपों को गलत करार देते हुए। दोनों मतदाताआों का नाम मतदाता सूची में दर्ज होने की जानकारी एक्स पर दी थी। इसके बाद गुरुवार को पूर्व एमएलसी राजेश यादव, पूर्व मंत्री राकेश कुमार वर्मा और जिलाध्यक्ष हाफिज अयाज ने संयुक्त रूप से प्रेस काफ्रेंस करके सतदाता सूची में कथित धांधली के तथ्य पेश किए। पूर्व एमएलसी राजेश यादव ने दावा किया कि कुर्सी विधानसभा क्षेत्र के नसरीन और फुरकान का नाम 2022 के चुनाव के समय वोटर लिस्ट में डीलीटेड होने और बाद में उनको वोटर लिस्ट में शामिल होने के तथ्य पेश किए। इसके बाद पूर्व एमएलसी राजेश यादव ने कहा कि DM ने इस मामले में सपा अध्यक्ष को एक्स पर जवाब दिया कि दोनों मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में है। उन्होंने DM से सवाल किया कि आप ने शिकायत करते वक्त हमसे हलफनामा मांगा। हमने दिया, क्या अब चुनाव आयोग या जिलाधिकारी ये हलफनामा देंगे कि 2022 में उपरोक्त दोनों नाम दर्ज थे। उन्होंने आगे कहा कि आपने ये तो कह दिया कि इनके माम दर्ज हैं। उन्होने कहा कि मैं ये मान रहा हूं कि आज की तारीख नाम दर्ज हैं इससे मैं सहमत हूं। क्यूंकि दूसरा मतदाता पहचान पत्र जारी हो गया। उन्होने कहा कि मेरा शपथ पत्र सन 2022 में सरकार बनाने के लिए था। उन्होने कहा कि मेरा शपथ पत्र आज भी स्टैंड करता है और मेरा सवाल 2022 के लिए है। आज के लिए नहीं। 

 पूर्व मंत्री राकेश वर्मा ने कहा कि चुनाव की पारदर्शिता बनाए रखना आयोग की जिम्मेदारी है। इस वो मा्ंग करते हे कि वोटर लिस्ट को दुरुस्त किया जाए। वहीं जिलाध्यक्ष हाफिज अयाज ने कहा कि DM पहले दोनों मतदाताओं के डीलीट होने की सफाई दें। दूसरा ये कि दोनों का नाम दोबारा सूची में क्यूं सम्मिलित किया गया। उस शपथ पत्र दे। उन्होने तीसरी मांग की कि उन्होंने 2022 की वो सूची दें, जिसमें उनके नाम दर्ज थे। उन्होंने कहा कि अगर उनका नाम मिल जाता है, तो हम शिकायत वापस ले लेंगे। अगर नहीं हैं तो चुनाव आयोग माफी मांगे और उनके नाम वापस जोड़ें। और कुर्सी में दोबारा चुनाव हो।

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