Barabanki News... वोटर लिस्ट में कथित धांधली को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का जारी है। DM के कुर्सी विधानसभा क्षेत्र में जांच के बाद आरोपों को गलत ठहराने के बाद सपा ने प्रशासन के दावों को खारिज कर दिया है। सपा नेताओं का दावा है कि कुर्सी विधानसभा क्षेत्र में 10 हजार लोगों के नाम काटे गए, सैंपल के तौर पर जिन दो लोगों के शपथ पत्र की DM ने जांच की उनके नाम सिर्फ तीन महीनों के लिए काटे गए थे। साथ ही सपा ने आनन-फानन में की गई जांच पर भी सवाल खड़े किए हैं। आपको बता दें कि मंगलवार को अखिलेश यादव के एक्स पर लगाए गए आरोपों के बाद DM शशांक त्रिपाठी ने कुर्सी विधानसभा क्षेत्र के दो वोटर्स की जांच के स्पष्ठ किया कि दोनों वोटर्स के नाम वोटर लिस्च में हैं। इस तरह जिला प्रशासन ने आरोपों को गलत साबित कर दिया था। बुधवार को इस मामले में सपा नेता और कुर्सी विधनासभा क्षेत्र से 2022 में सपा के उम्मीदवार राकेश कुमार वर्मा सामने आए और उन्होंने प्रशासन के दावों और जांच पर सवाल खड़े करते हुए सबूत पेश किए। उन्होंने कुर्सी विधानसभा क्षेत्र के कुर्सी ग्रामसभा के फुरकान और नसरीन की वोटर लिस्ट दिखाई जिसमें दोनों के नाम के आगे अंग्रेजी में डीलीटेड लिखा हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया कि इन दोनों वोटर्स का नाम 2022 के विधानसभा चुनावों में काटा गया और फिर तीन माह के बाद जोड़ दिया गया। उन्होंने प्रशासन की जांच पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा करीब तीन साल पहले पार्टी की तरफ से सैंपल के तौर पर दो मतदाताओं का शपथ पत्र आयोग को दिया गया था। इतने सालों में इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष द्वारा इस मामले को उठाने के बाद आनन-फानन में जांच की। उन्होंने जांच पर कई सवाल खड़े किए हैं, जिन्हों आप वीडिय़ो में सुन सकते हैं।
इस दौरान राकेश कुमार वर्मा से जब 10 वोटर्स के नाम कटने पर मात्र दो शपछ पत्र देने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये शपथ पत्र सैंपल के तौर पर दिए गए हैं। उनके आरोप है कि एक समुदाय विशेष और जाति विशेष के लोगों के नाम काटे गए। जिसकी वजह से उनकी हार हुई। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की भी मांग की है। इसके अलावा सपा के कुर्सी विधानसभा के कार्यरकर्ताओं ने भी जांच पर सवाल खड़े किए हैं।



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